कम खाना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता है। जब हम सीमित मात्रा में पोषणयुक्त भोजन करते हैं, तो न केवल बीमारियों से दूर रहते हैं, बल्कि दीर्घायु और ऊर्जावान जीवन जीते हैं। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात की पुष्टि करते हैं कि ‘कम खाओ, सही खाओ’ का फॉर्मूला अपनाकर हम अपनी सेहत और जीवन दोनों को बेहतर बना सकते हैं।
1. कम खाने से क्यों मिलती है लंबी उम्र?
कम खाना यानी “कैलोरी रेस्ट्रिक्शन” स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। अमेरिका में हुई रिसर्च के अनुसार, रोजाना के कैलोरी इनटेक को 10-15% तक घटाने से न केवल उम्र बढ़ती है, बल्कि हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है। जब शरीर को जरूरत से ज्यादा खाना नहीं दिया जाता, तो वह ऊर्जा को रिपेयर और डिटॉक्स में लगाता है, जिससे कोशिकाएं लंबे समय तक जीवित रहती हैं।
2. आयुर्वेद क्या कहता है मिताहार के बारे में?
प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में “मिताहार” यानी सीमित और पोषक भोजन को उत्तम स्वास्थ्य का आधार माना गया है। कहावत है – “अति सर्वत्र वर्जयेत्”, यानी हर चीज की अति हानिकारक होती है। अगर व्यक्ति अपनी भूख से थोड़ा कम खाए, तो उसका पाचन तंत्र बेहतर ढंग से कार्य करता है और अग्नि (पाचन शक्ति) दीर्घकाल तक बनी रहती है।
3. ज्यादा खाने से कैसे बिगड़ती है सेहत?
अधिक भोजन से पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं। साथ ही, इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है जो टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकता है। वहीं, संतुलित मात्रा में खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है और मोटापा घटता है।
4. कम खाने से मिलते हैं ये फायदे
- बेहतर पाचन और ऊर्जा स्तर
- शरीर हल्का और एक्टिव रहता है
- नींद, त्वचा और मूड में सुधार
- मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता
- रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि
5. संन्यासियों और योगियों की डाइट से क्या सीखें?
कई साधु-संत दिन में एक बार भोजन करते हैं और फिर भी अत्यंत ऊर्जावान रहते हैं। इसका रहस्य यह है कि वे आवश्यकता अनुसार संतुलित भोजन करते हैं और शरीर पर पाचन का भार नहीं डालते। यही कारण है कि वे मानसिक और शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहते हैं।
6. कम खाने का सही तरीका
- धीरे-धीरे भोजन की मात्रा कम करें
- भूख से थोड़ा पहले खाना बंद करें
- भोजन को अच्छे से चबाकर खाएं
- फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर डाइट लें
- सप्ताह में एक बार उपवास रखें या दिन में दो बार भोजन करें
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Baat Tak इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)