Thursday, July 3, 2025

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Chhattisgarh News: बिलासपुर बनेगा शिक्षा का सेंटर, सीएम विष्णु देव साय ने किया एजुकेशन सिटी का शिलान्यास

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार बिलासपुर को एक आधुनिक शैक्षणिक हब के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके तहत शहर में एक अत्याधुनिक एजुकेशन सिटी की स्थापना की जाएगी। इस एजुकेशन सिटी में नालंदा की तर्ज पर एक डिजिटल लाइब्रेरी, 48 आधुनिक अध्ययन हॉल और 700 सीटों की क्षमता वाला भव्य ऑडिटोरियम शामिल होगा। बाहर से आने वाले छात्रों के लिए आवासीय हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है और इसका निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।

Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल बिलासपुर को राज्य का प्रमुख एजुकेशनल हब बनाएगी, बल्कि प्रदेशभर के हजारों विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण संसाधन और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आदर्श वातावरण उपलब्ध कराएगी।

नालंदा परिसर, डिजिटल-फिजिकल लाइब्रेरी, कोचिंग हॉल, हॉस्टल, ऑडिटोरियम, खेल मैदान और ग्रीन जोन – ये सभी सुविधाएं छात्रों के शैक्षणिक, मानसिक, और शारीरिक विकास को केंद्र में रखकर डिजाइन की गई हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वास जताया है कि यह परियोजना आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी और राज्य के युवाओं को उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर करेगी।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सर्वांगीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसी क्रम में बिलासपुर शहर को आधुनिक एजुकेशनल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिलासपुर में एजुकेशनल सिटी की अवधारणा विकसित की गई है। यह परियोजना बिलासपुर नगर पालिक निगम की लगभग 13 एकड़ भूमि पर स्थापित की जाएगी।

नालंदा परिसर और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना

बिलासपुर एजुकेशनल सिटी में नालंदा परिसर की स्थापना की जाएगी, जिसमें 500 छात्र-छात्राएं एक साथ बैठकर फिजिकल और डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ ले सकेंगे। यह केंद्र छात्रों के आत्मविकास और ज्ञान अर्जन का प्रमुख स्थान बनेगा।

बहुमंजिला कोचिंग बिल्डिंग और कक्षाएं

यहां तीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण होगा जिनमें 48 हॉल सेटअप (प्रत्येक में एक हॉल, दो कक्ष और एक टॉयलेट) होंगे। इस व्यवस्था में एक साथ 4,800 विद्यार्थी कोचिंग क्लास अटेंड कर सकेंगे, जिससे बिलासपुर कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के मामले में नए आयाम पर पहुंचेगा।

700 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम

छात्रों के व्यक्तित्व और सांस्कृतिक विकास को ध्यान में रखते हुए एक 700 सीटों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम बनाया जाएगा, जो संगोष्ठियों, सेमिनारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में सहायक होगा। 

बाहर से आने वाले छात्रों के लिए हॉस्टल

लगभग 1,000 बाहरी छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे दूर-दराज के ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी अवसर मिलेगा। 

खेल, स्वास्थ्य और ग्रीन जोन का विकास

एजुकेशनल सिटी में एस्ट्रोटर्फ खेल मैदान, सुंदर गार्डन और ग्रीन जोन विकसित किए जाएंगे। छात्रों के स्वास्थ्य, खेलकूद और मानसिक संतुलन के लिए यह सुविधाएं विशेष रूप से सहायक होंगी।

साथ ही, मल्टी-लेवल पार्किंग की भी व्यवस्था होगी ताकि आवागमन में कोई असुविधा न हो। 

100 करोड़ रुपये की लागत, कार्य योजना तैयार

मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 100 करोड़ रुपये है। नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा इसकी कार्य योजना तैयार कर ली गई है और शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

बिलासपुर की शिक्षा में ऐतिहासिक प्रगति

राज्य गठन के बाद बिलासपुर ने शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। यहां पहले से ही एक केंद्रीय विश्वविद्यालय, दो विश्वविद्यालय, आठ महाविद्यालय और करीब 100 से अधिक कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें लगभग 50,000 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय और रेलवे डीआरएम कार्यालय जैसे संस्थान भी स्थित हैं, जिससे इसकी पहचान एक प्रमुख शहरी केंद्र के रूप में स्थापित हो चुकी है।

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